सहज, सरल, मेहनती, ईमानदार एवं व्यवहार कुशल व्यक्तित्व के धनी दानवीर सेठ श्री जवरीलालजी श्री श्री माल का जन्म 28 नवम्बर 1946 को राजस्थान के ब्यावर शहर में हुआ । उनके पिता श्री चम्पालाल जी सफल व्यापारी और माता सुन्दरकंवर सुगृहणी थी । दोनों ने अपने पुत्र का पालन पोषण एवं पढ़ाई सुगम ढंग से करवाई । कॉलेज में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए, जवरीलालजी ने कई गतिविधियों में भूमिका निभाई । मुख्य रूप से N.C.C. (राष्ट्रीय कैडेट कोर) में कमांडो पद पर रहें । अध्ययनरत रहते हुए भाइयों के साथ व्यापार में योगदान देना प्रारंभ किया |
व्यापार में दक्षता हासिल करते हुए, व्यापारियों के मध्य अपनी अलग पहचान बनाई और अपनी फ़र्म फोजमल चम्पालाल का नाम पुरे राजस्थान में रोशन किया । दी ब्यावर क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया । व्यापार के साथ-साथ सामाजिक कार्यक्रमो में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हुए, सम्पूर्ण जैन समाज एवम् परिवार में ख्याति प्राप्त की ।
स्थानीय स्तर पर समता युवा संघ के अध्यक्ष पद पर रहकर युवा वर्ग को प्रोत्साहित किया, जो आज भी विद्यमान हैं । राष्ट्रीय स्तर पर अ.भा.सा जैन समता युवा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर भी अपनी सेवाएँ दी । निरन्तर विभिन्न पदों को सुसज्जित करने वाले, बहिर्मुंखी प्रतिभा के धनी जवरीलालजी का ह्रदय गति रुक जाने से 22 अप्रैल 2002 को देहावसान हो गया था । ईश्वर की इच्छा सर्वोपरी है और हम सब उसके आगे नतमस्तक हैं ।
उन्हीं की यादों को संजोए रखने हेतु, परिवार द्वारा जवरीलाल श्री श्री माल चेरिटेबल ट्रस्ट (JCT) की स्थापना की । यह ट्रस्ट आयकर अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड है और आयकर छूट के अन्तर्गत पंजीकृत हैं । ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के ज़रूरतमँदो, गरीब, असहाय लोगों की निःस्वार्थ सेवा करना हैं । हर वर्ष दो तीन बार बड़े सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन भी करता हैं । बड़ौदा (गुजरात) एवं ब्यावर में यह कार्यक्रम निरन्तर गतिशील हैं । पिछले दो सालों से JCT ब्यावर में, मेडिकल इक्विप्मेंट की सेवाएं दे रहा है । उस सेवा से अभी तक (सितम्बर 2021) लगभग 400 लोग लाभान्वित हुए हैं, जो पूर्णत नि:शुल्क है ।
इसी प्रकार साहित्यिक क्षेत्र में ट्रस्ट, प्रोत्साहित पुस्तक “जैन धर्म के महान संत एवम् सुधार” के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा हैं । पुस्तक में 15वीं ईस्वी से 1750 ईस्वी तक के प्रमुख जैन संतो द्वारा किए गए, सामाजिक सुधारो पर प्रकाश डाला गया । यह पुस्तक ऑनलाइन और JCT कार्यालय से प्राप्त की जा सकती हैं ।
समस्त बन्धुजन की शुभकामनाएँ मिलती रहें । सभी के साथ एवं
सहयोग से ट्रस्ट निरंतर सेवा की ओर अग्रसर रहेगा….
ऐसी शुभकामनाओं के साथ…….
आपका
जवरीलाल श्री श्री माल चेरिटेबल ट्रस्ट(JCT) परिवार
